अमेरिका का कर्ज़ अब 37 ट्रिलियन डॉलर से ज़्यादा हो चुका है — और नहीं, इसका ज़्यादातर हिस्सा चीन का कर्ज़ नहीं है। असल में, ज़्यादातर कर्ज़ अमेरिकी बैंकों, फेडरल रिज़र्व, और अमेरिकी नागरिकों के रिटायरमेंट फंड्स को चुकाना है। बाकी कर्ज़ जापान, चीन, और अन्य विदेशी देशों में बंटा हुआ है। अब चौंकाने वाली बात ये है कि अमेरिका हर साल सिर्फ़ ब्याज़ (interest) की अदायगी पर 1 ट्रिलियन डॉलर से ज़्यादा खर्च करता है — जो कि पूरे सैन्य बजट से भी ज़्यादा है।
तो सरकार ये सब कैसे संभालती है? बस और ज़्यादा पैसा छापकर। 💸
1971 से, डॉलर सोने या चांदी से जुड़ा नहीं रहा, बल्कि अब ये पूरी तरह कर्ज़-आधारित करेंसी बन चुका है।
कुछ वैश्विक ताकतें, जैसे रूस, का दावा है कि अमेरिका बिटकॉइन को एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है, ताकि डॉलर को कमजोर करे और वित्तीय जोखिम (financial risk) बाकी दुनिया पर डाल दे। 🌍